उत्तरप्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के जीवन वृत्तांत. पर आधारित पुस्तक ’चुनौतियाँ मुझे प्रसंद हैं’ का विमोचन

*🌺उत्तरप्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के जीवन वृत्तांत. पर आधारित पुस्तक ’चुनौतियाँ मुझे प्रसंद हैं’ का विमोचन*

*💐भारत गणराज्य के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, माननीय मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश, श्री योगी आदित्यनाथ जी की गरिमामयी उपस्थिति व कर कमलों से हुआ विमोचन*

*🌺पं अटल बिहारी वाजपेयी बहु-उदेशीय सभागार, लखनऊ में आयोजित*

*🌺चुनौतियाँ मुझे प्रसंद हैं’ पुस्तक की डाॅक्यूमेंट्री भव्य प्रदर्शन*

*🌸माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, माननीय राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, डा श्रीमती सुदेश धनखड जी, माननीय 44 वें राज्यपाल राजस्थान, श्री कलराज मिश्र जी, माननीय उपमुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार, श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, माननीय उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी, माननीय विधानसभा अध्यक्ष, उत्तरप्रदेश श्री सतीश महाना, मुख्य सचिव, उत्तरप्रदेश सरकार, श्री मनोज कुमार सिंह जी, माननीय राज्यपाल जी की सुपुत्री श्रीमती अनार पटेल जी, सुपुत्र श्री संजय भाई, राज्य सरकार के मंत्रिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशिष्टजन उपस्थित रहे*

ऋषिकेश/लखनऊ, 1 मई। उत्तरप्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के प्रेरणादायी जीवन पर आधारित पुस्तक ‘चुनौतियाँ मुझे पसंद हैं’ का भव्य विमोचन आज लखनऊ स्थित पं. अटल बिहारी वाजपेयी बहुउद्देशीय सभागार में संपन्न हुआ। यह विशेष कार्यक्रम भारत गणराज्य के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, उत्तरप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर पुस्तक पर आधारित एक भावपूर्ण डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया, जिसने श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के जीवन संघर्ष, सेवाभाव, नारी सशक्तिकरण के प्रति समर्पण और माननीय मुख्यमंत्री गुजरात से लेकर उत्तरप्रदेश की राज्यपाल के रूप में राजनीति में उनकी सतत यात्रा को प्रस्तुत किया, साथ ही यह भी बताया कि किस प्रकार उन्होंने ‘चुनौतियों’ को अपने व्यक्तित्व की शक्ति बनाया।

कार्यक्रम में डॉ. श्रीमती सुदेश धनखड़ जी, माननीय 44वें राज्यपाल राजस्थान श्री कलराज मिश्र जी, उत्तरप्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी, उत्तरप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी, प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार सिंह जी, राज्यपाल जी की सुपुत्री श्रीमती अनार पटेल जी, सुपुत्र श्री संजय भाई, राज्य सरकार के मंत्रिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशिष्टजन उपस्थित रहे।

माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी ने कहा कि श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का जीवन साहस, संवेदना और सेवा का प्रतीक है। यह पुस्तक युवाओं को प्रेरणा देगी कि कठिनाइयों में हार मानने की बजाय उन्हें आत्मबल का माध्यम बनाएं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, अध्यक्ष, परमार्थ निकेतन ने कहा कि ’चुनौतियाँ मुझे पसंद हैं’ यह केवल एक पुस्तक नहीं, एक जीवन-दर्शन है। यह हमें सिखाती है कि एक साधारण गृहणी से लेकर देश की राज्यपाल बनने तक की यात्रा किस प्रकार सेवा, शिक्षा और संकल्प से संभव हुई। आनंदीबेन जी का जीवन, ’सेवा परमो धर्मः’ का मूर्त रूप है।

माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने भावविभोर होकर कहा कि यह पुस्तक मेरा नहीं, हर उस स्त्री का जीवन प्रतिबिंब है जो समाज, परिवार और राष्ट्र के लिए चुनौतियों को स्वीकार कर अपना सर्वोत्तम देती है। मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हमेशा समाज की सेवा रही है।

माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी का जीवन राष्ट्रसेवा और मातृशक्ति के उत्कर्ष का अनुपम उदाहरण है। उत्तरप्रदेश को गर्व है कि उनके जैसे कर्मठ और संवेदनशील राज्यपाल का नेतृत्व हमें मिला है।

श्रीमती अनार पटेल जी, राज्यपाल जी की सुपुत्री ने कहा कि माँ का जीवन हमारे लिए एक जीवंत पाठशाला रहा है। उन्होंने सिखाया कि जीवन में सबसे बड़ा गुरु अनुभव और सबसे बड़ी पूंजी सेवा होती है।

इस गरिमामयी समारोह ने नारी शक्ति, जनसेवा और नेतृत्व के नए प्रतिमान प्रस्तुत किए। पुस्तक ‘चुनौतियाँ मुझे पसंद हैं’ एक प्रेरणादायी दस्तावेज ही नहीं बल्कि हर उस संघर्षशील स्त्री का जीवन वृतांत है, जो न केवल विद्यार्थियों, युवाओं और समाजसेवियों के लिए, बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए एक सीख है कि यदि संकल्प और सेवा का भाव हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

कार्यक्रम का उद्घाटन और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर सभी को परमार्थ निकेतन की दिव्य गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।

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