-परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी और श्री हर्ष मल्होत्रा जी, कॉर्पोरेट मामले, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री का पावन सान्निध्य
-श्री अजय भाई जी, राष्ट्र मन्दिर विश्व रामायण आश्रम के सान्निध्य में आयोजित
ऋषिकेश। तीन दिवसीय श्री सीता नवमी महोत्सव का भव्य आयोजन दिल्ली में श्रद्धा, संस्कृति और संकल्प के साथ संपन्न हुआ। इस दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी, और श्री हर्ष मल्होत्रा जी, कॉर्पोरेट मामले, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री तथा राष्ट्र मंदिर विश्व रामायण आश्रम के, श्री अजय भाई जी का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माँ सीता नवमी के इस पावन पर्व पर कहा कि माँ सीता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। भारतीय संस्कृति का हृदय प्रभु श्रीराम है, तो उसकी आत्मा माँ सीता हैं। उनका जीवन नारीत्व की गरिमा, त्याग की पराकाष्ठा, और धर्म के प्रति अटूट निष्ठा की जीवंत अभिव्यक्ति है। माँ सीता उस सनातन चेतना की प्रतिमूर्ति हैं, जो हर युग में नारी शक्ति को दिशा, दृष्टि और दृढ़ता का संदेश देती आ रही है।
स्वामी जी ने कहा कि रामायण, भारतीय सभ्यता का दर्पण है, और उसमें माँ सीता वह दीप हैं जो इस दर्पण को आलोकित करती हैं। सीता जी हमारी संस्कृति की पहचान हैं, हमारी प्रेरणा हैं, हमारे प्राण हैं। मां सीता माता सीता केवल इतिहास का एक दिव्य चरित्र नहीं हैं, बल्कि वे हर नारी के भीतर बसने वाली वह शक्ति हैं, जो अपने परिवार, समाज और संस्कृति के लिए निःस्वार्थ भाव से समर्पित रहती है, सीता नवमी, आत्मचिंतन का अवसर है।
आज दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम नारी शक्ति का आदर करेंगे, उसके अधिकारों की रक्षा करेंगे और अपने जीवन में धर्म, प्रेम और मर्यादा को स्थान देंगे।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी ने अपने भावपूर्ण संबोधन में कहा कि माँ सीता हर युग की नारियों के लिए आदर्श हैं। आज जब हम नारी सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो हमें सीताजी की तरह नारी के आत्मसम्मान, आत्मबल और धैर्य को आदर्श बनाना होगा। हमें बेटियों को केवल आगे बढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना भी होगा।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर नारी शिक्षा, स्वावलंबन और नेतृत्व पर बल दिया तथा नेपाल और भारत की सांझा सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
स्वामी जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी और श्री अजय भाई जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
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