परमार्थ गंगा तट पर भारत के तिरंगे के समक्ष दीप जलाकर ऑपरेशन सिंदूर का किया सम्मान, गंगा आरती ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को की समर्पित

-राष्ट्र की सुरक्षा, शक्ति और संप्रभुता को नमन
-ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता, संप्रभुता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह एक संदेश है उन शक्तियों के लिए जो भारत की शांति को उसकी कमजोरी समझने की भूल करते हैं

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश की दिव्य गंगा आरती, भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति, असाधारण सैन्य पराक्रम और सामरिक साहस को समर्पित की। यह गंगा आरती भारत सरकार और भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर की गई निर्णायक सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित की। यह भारतीय सेना के ऐतिहासिक कदम का सम्मान है यह आरती भारत के संकल्प, शक्ति और तेज का स्तवन है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की अस्मिता, संप्रभुता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह एक संदेश है उन शक्तियों के लिए जो भारत की शांति को उसकी कमजोरी समझने की भूल करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह केवल सीमापार एक जवाब नहीं है, यह भारत की आत्मा की पुकार थी, कि हम शांति चाहते हैं, परंतु आत्मसमर्पण नहीं। हम संवाद चाहते हैं, परंतु आतंक नहीं और जब-जब हमारे धैर्य की परीक्षा ली जाएगी, भारत उसी वेग से उत्तर देगा।

ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सेना का साहसिक प्रतिशोध है। पहलगाम में भारतीयों पर हमला, भारत की आत्मा पर हमला था, भारत माता के हृदय पर हमला था। पाक ने जो नापाक हरकत की उस पाप का बदला हमारे सैनिकों ने लिया, हमें उन पर गर्व है और यह हमला तो एक शुरूआत है। ये बदला, बदलाव लायेगा और भारत की इस नई सोच का असर होगा।

स्वामी जी ने कहा कि भारत कभी किसी को छेड़ता नहीं पर कोई उसे छेड़ता है तो छोड़ता भी नहीं, यह ऑपरेशन हमारे वीर जवानों के शौर्य, रणनीति और संकल्प का प्रमाण है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा था कि जब राष्ट्र की रक्षा के लिए युद्ध भी आवश्यक हो, तब वह भी तप बन जाता है। ऑपरेशन सिंदूर ऐसा ही एक युद्ध-तप है, जिसमें संतुलन भी है और शान्ति भी। भारत न तो युद्ध चाहता है और न ही किसी भूमि पर अधिकार, परंतु यदि उसकी संप्रभुता पर आघात किया गया, तो वह उत्तर अवश्य देगा।

स्वामी जी ने कहा कि भारत केवल आत्मरक्षा करता है, आक्रोश नहीं। भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् की है, लेकिन वह अपने परिवार की रक्षा के लिए हर सीमा तक जा सकता है।

आज परमार्थ निकेतन, गंगा तट पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और देशी-विदेशी अतिथियों ने भारत के तिरंगे के समक्ष दीप जलाकर ऑपरेशन सिंदूर का सम्मान किया।

गंगा जी की आरती में एशियन डेवलपमेंट बैंक के श्री बेथनी एफ. मान, श्री अश्विन होसुर विश्वनाथ, सुश्री लिया जीन ए. लूना, सुश्री दीपा आह्लूवालिया, उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी (यूयूएसडीए) के श्री जतिन सिंह सैनी, श्री वैभव बहुगुणा और श्री रवि जौरत जैसे सम्मानित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।


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